कोविड-19 बीमारी के बाद ठीक हुए कुछ लोगों में लंबे समय तक की परेशानियां भी देखी जा रही हैं। ऐसे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का टेक्निकल विंग उन लोगों के लिए गाइडलाइंस बना रहा है जिन्हें कोविड-19 बीमारी ठीक होने के बाद अन्य दूसरी तरह की लंबे समय की जटिलताएं शुरू हो गई हैं। पूरे मामले से वाकिफ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।
स्वास्थ्य विभाग में ओएसडी राजेश भूषण ने बताया, “कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद घर पर कुछ अन्य कठिनाइयां शुरू हो जाती हैं, ऐसे लोगों के लिए सरकार गाइडलाइंस पर काम कर रही है। ऐसा देखा गया कि कोरोना रिकवरी कर चुके मरीजों में सांस संबंधी, हृदय संबंधी, लीवर को लेकर या फिर आंख से संबंधित कठिनाइयां शुरू हो जाती हैं। हमारे एक्सपर्ट लोगों को गाइड करने के लिए कि किस तरह की
देखभाल की उनको आवश्यकता पड़ेगी और किन चीजों का उन्हें सामना करना पड़ सकता है, इस पर काम कर रहे हैं।”
स्वास्थ्य मंत्रालय के इस टेक्निकल विंग ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप (जेजीएम) में कई एक्सपर्ट को शामिल किया गया है। इस ग्रुप की अध्यक्षता जनरल हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर डॉक्टर राजीव गर्ग कर रहे हैं। इस ग्रुप में नई दिल्ली के एम्स के एक्सपर्ट, इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के प्रतिनिधि, डब्ल्यूएचओ के भारत के ऑफिस के एक्सपर्ट शामिल हैं।
एम्स के पूर्व प्लूमोनरी मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर जीसी खिलनानी ने कहा, “यह ग्रुप समय-समय पर कई मुद्दों पर एक्सपर्ट ऑपिनियन देता है। यह टेस्टिंग, मरीजों के आइसोलेशन, होम आइसोलेशन में क्या करें और क्या न केरं, कोविड-19 मरीजों के अस्पताल में और उसके बाहर क्लिनिकल मैनेजमेंट के बारे में गाइडलाइंस तैयार करने के लिए टेक्निकल इनपुट्स उपलब्ध कराता है।”
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